काशी-विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि की रात बंद नहीं होंगे कपाट
काशी-विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि की रात बंद नहीं होंगे कपाट
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तीन आरती नहीं होने से रातभर होंगे भक्तों को दर्शन, 13 जनवरी से 26 फरवरी का शेड्यूल तय
#भारत और #बांग्लादेश के बीच मछुआरों का आदान-प्रदान आज शाम बंगाल की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर पूरा हुआ।
अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन करने के आरोप में बांग्लादेश में हिरासत में लिए गए 95 भारतीय मछुआरे भारत लौटें।
वहीं 90 बांग्लादेशी मछुआरे भी अपने देश लौटे। pic.twitter.com/NCWkqXxKvz
— GoyalExpress🇮🇳 (@ExpressGoyal) January 5, 2025
श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर बाबा के गर्भगृह के कपाट रातभर खुले रहेंगे। महाकुंभ के दौरान पड़ने वाली महाशिवरात्रि पर रिकार्ड भक्त दर्शन करेंगे। पारलौकिक भव्यता के बीच देश-दुनिया के 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को दर्शन कराने पर मंदिर न्यास मंथन कर रहा है। बाबा विश्वनाथ दर्शन के लिए पहुंचने वालों की सहूलितयत के लिए रात की तीन आरतियां भी नहीं होंगी।
26 फरवरी की मंगला आरती के साथ गर्भगृह के कपाट खुलेंगे और बाबा के दर्शन का श्रीगणेश होगा। 26 को लगी कतार 27 तक अनवरत रहेगी। सावन प्रोटोकॉल की तरह रात भर दर्शन किया जा सकेगा। श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए कुल प्वाइंट तय किए जा रहे हैं। मंदिर न्यास की ओर ने 13 जनवरी को सोमवार से लेकर 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक होने वाली आरती का शेड्यूल जारी किया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से बताया गया कि महाशिवरात्रि दर्शन के लिए रातभर कपाट खुले रहेंगे। मंगला आरती और मध्यान भोग आरती होगी, देर रात होने वाली तीनों आरती नहीं होंगी। इसके बाद रात 11 बजे से अगले दिन सुबह 6.30 बजे तक बाबा की चार पहर की आरती होगी। वहीं, 27 फरवरी को मंगला आरती नहीं होगी लेकिन इन आरतियों के बीच दर्शन चलते रहेंगे।
भोर में साढ़े 3 बजे से लेकर अगले दिन सुबह अंतिम पहर की आरती यानी साढ़े 6 बजे के बाद तक लगातार दर्शन चलेंगे। महाशिवरात्रि पर भी नए साल की तरह प्रोटोकॉल लागू रहेगा, भक्तों को सुगमता पूर्वक दर्शन कराने के लिए झांकी दर्शन मिलेंगे और स्पर्श दर्शन बंद रहेंगे। इसके अलावा महाकुंभ की भीड़ के बीच सोमवार, पूर्णिमा पर विशेष इंतजाम रहेंगे। महाशिवरात्रि को छोड़कर अन्य दिनों में नियमित पांचों आरती होंगी।
चार प्रहर की आरती का संभावित शेड्यूल
प्रथम प्रहर की आरती- रात्रि 11 बजे शंख बजेगा और आरती 12:30 बजे तक होगी। झांकी दर्शन जारी रहेगा।
द्वितीय प्रहर की आरती- रात्रि 01:30 बजे आरती प्रारंभ होकर रात्रि 02:30 बजे समाप्त होगी।
तृतीय प्रहर आरती- रात्रि 3:30 बजे से प्रारंभ होकर 4:30 बजे तक समाप्त होगी और दर्शन चलता रहेगा।
चतुर्थ प्रहर आरती- प्रात: 05:00 बजे से आरती प्रारंभ होकर प्रात: 6.30 बजे तक समाप्त होगी और दर्शन भी जारी रहेगा।