वाराणसी जिलाधिकारी ने अपर सचिव (ई०)श्री सुनील कुमार बरनवाल महोदय शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में काशी तमिल संगमम 3.0 की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए
वाराणसी जिलाधिकारी ने अपर सचिव (ई०)श्री सुनील कुमार बरनवाल महोदय शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में काशी तमिल संगमम 3.0 की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए
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वाराणसी। केंद्र सरकार में अपर सचिव (ई०) सुनील कुमार बरनवाल की अध्यक्षता में काशी तमिल संगमम 3.0 की तैयारियों हेतु बैठक आहूत की गयी जिसमें सर्वप्रथम जिलाधिकारी वाराणसी एस राजलिंगम द्वारा पूर्व में आहूत काशी-तमिल संगमम एक व दो के दौरान की गयी तैयारियों तथा विभिन्न आयोजनों की जानकारी सचिव के समक्ष दी गयी। अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा द्वारा पूरे आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी गयी। सचिव द्वारा पूरे आयोजन के दौरान अतिथियों की सुरक्षा, उचित चिकित्सकीय व्यवस्था तथा हाइजीन के उचित प्रबंध करने को कहा गया।
काशी तमिल संगमम 3.0 की तैयारियों हेतु बैठक आहूत, केटीएस 3.0 का आयोजन 15-24 फरवरी 2025 के मध्य होगा, केटीएस 3.0 का थीम ऋषि अगस्त्यर होंगे, उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है, आईआईटी मद्रास और बीएचयू वाराणसी इस कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं. काशी तमिल संगमम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुनः खोजना, उनकी पुष्टि करना और उनका उत्सव मनाना है।
इस बार तमिल संगमम का आयोजन आगामी 15 फरवरी से 24 फरवरी तक होने जा रहा है जिसमें पांच रेगुलर तथा एक विद्यार्थियों का ग्रुप समेत कुल छह ग्रुप द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। विभिन्न ग्रुपों द्वारा नमो घाट पर आयोजित एकेडमिक तथा साँस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के बाद प्रयागराज जायेंगे जहां उनके द्वारा महाकुंभ में संगम स्नान, अक्षयवट, हनुमान मंदिर तथा अन्य प्रमुख जगहों पर भाग लिया जायेगा। प्रयागराज के उपरांत अतिथियों की टीम अयोध्या जायेगी जहां राम मंदिर, कनक भवन तथा घाट का भ्रमण करेंगे तदुपरांत वापस वाराणसी आयेंगे तथा यहां से वापस तमिलनाडु को प्रस्थान करेंगे।
काशी तमिल संगमम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण आदि मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है। इसका उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है। यह प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के भारतीय ज्ञान प्रणालियों की संपदा को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर जोर देने के अनुरूप है। आईआईटी मद्रास और बीएचयू वाराणसी इस कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।
इस वर्ष, सरकार ने तमिलनाडु से पाँच श्रेणियों/समूहों के अंतर्गत लगभग 1000 प्रतिनिधियों को लाने का निर्णय लिया है: (i) छात्र, शिक्षक और लेखक; (ii) किसान और कारीगर (विश्वकर्मा श्रेणियाँ); (iii) पेशेवर और छोटे उद्यमी; (iv) महिलाएँ (एसएचजी, मुद्रा ऋण लाभार्थी, डीबीएचपीएस प्रचारक); और (v) स्टार्ट-अप, इनोवेशन, एडु-टेक, अनुसंधान। इस वर्ष, विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का एक अतिरिक्त समूह काशी और तमिलनाडु के बीच के बंधन को जीवंत करने के लिए इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इस वर्ष सभी श्रेणियों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। दौरे की अवधि 8 दिन होगी (यात्रा के लिए 4 दिन, साइट पर 4 दिन)।
केटीएस 3.0 के दौरान काशी में ऋषि अगस्त्यर के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला, विशेष रूप से तमिल और तमिलनाडु आदि की दुनिया में उनके योगदान पर एक प्रदर्शनी और सेमिनार, कार्यशालाएं, पुस्तक विमोचन आदि का आयोजन किया जायेगा।
काशी तमिल संगमम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी – देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षण केंद्रों – के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुनः खोजना, उनकी पुष्टि करना और उनका उत्सव मनाना है। इस वर्ष काशी तमिल संगमम का विशेष महत्व है क्योंकि यह महाकुंभ के साथ पड़ रहा है और यह अयोध्या में श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद पहला संगम भी है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर ) आलोक कुमार वर्मा, एडीएम वित्त/राजस्व वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एडीएम प्रोटोकाल समेत विभिन्न विभागों के केंद्रीय तथा स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे तथा अयोध्या, प्रयागराज तथा मेला क्षेत्र से अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।