जाने 10वीं की बोर्ड परीक्षा ख़त्म होने की सच्चाई, क्या सच में होगी दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं खत्म

जाने 10वीं की बोर्ड परीक्षा ख़त्म होने की सच्चाई, क्या सच में होगी दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं खत्म
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस और अमेरिका दौर के लिए हुए रवाना।। @PMOIndia@sengarlive pic.twitter.com/Ua1OZZaZSj
— GoyalExpress🇮🇳 (@ExpressGoyal) February 10, 2025
10वीं बोर्ड खत्म, एमफिल भी बंद होगा
आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी। 36 वर्षों बाद, केंद्र सरकार के कैबिनेट की स्वीकृति के बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति 2020 को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
शिक्षा संरचना (5+3+3+4 फार्मूला)
5 वर्ष – मूलभूत (फाउंडेशनल) शिक्षा
1. नर्सरी @ 4 वर्ष
2. जूनियर केजी @ 5 वर्ष
3. सीनियर केजी @ 6 वर्ष
4. कक्षा 1 @ 7 वर्ष
5. कक्षा 2 @ 8 वर्ष
3 वर्ष – प्रारंभिक (प्रिपरेटरी) शिक्षा
6. कक्षा 3 @ 9 वर्ष
7. कक्षा 4 @ 10 वर्ष
8. कक्षा 5 @ 11 वर्ष
3 वर्ष – माध्यमिक (मिडल) शिक्षा
9. कक्षा 6 @ 12 वर्ष
10. कक्षा 7 @ 13 वर्ष
11. कक्षा 8 @ 14 वर्ष
4 वर्ष – उच्च माध्यमिक (सेकेंडरी) शिक्षा
12. कक्षा 9 @ 15 वर्ष
13. कक्षा 10 (SSC) @ 16 वर्ष
14. कक्षा 11 (FYJC) @ 17 वर्ष
15. कक्षा 12 (SYJC) @ 18 वर्ष
विशेष विशेषताएँ:
✅ अब केवल 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा होगी।
✅ 10वीं बोर्ड परीक्षा अनिवार्य नहीं होगी।
✅ एमफिल (MPhil) को समाप्त कर दिया जाएगा।
✅ कॉलेज की डिग्री 4 वर्ष की होगी।
✅ अब 5वीं तक की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा में होगी। अंग्रेजी को सिर्फ एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
✅ 9वीं से 12वीं तक सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी।
✅ कॉलेज की डिग्री अब 3 या 4 साल की होगी।
1 साल बाद सर्टिफिकेट
2 साल बाद डिप्लोमा
3 साल बाद डिग्री
4 साल की डिग्री करने वाले छात्र सीधे 1 साल में MA कर सकेंगे।
✅ MA करने वाले छात्र अब सीधे PhD कर सकेंगे।
✅ अगर कोई छात्र एक कोर्स के बीच में दूसरा कोर्स करना चाहता है, तो उसे कुछ समय के लिए ब्रेक लेकर ऐसा करने की अनुमति होगी।
✅ उच्च शिक्षा में प्रवेश दर (GER) 2035 तक 50% करने का लक्ष्य।
✅ उच्च शिक्षा में कई सुधार किए जाएंगे, जिसमें शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता शामिल होगी।
✅ ई-कोर्स क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू किए जाएंगे।
✅ वर्चुअल लैब्स विकसित की जाएंगी।
✅ राष्ट्रीय शैक्षिक तकनीकी मंच (NETF) की स्थापना की जाएगी।
✅ देशभर के सरकारी, निजी और डीम्ड संस्थानों के लिए एक समान नियम लागू होंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक संदेश तेजी से वायरल हुआ। इस मैसेज में कहा गया कि नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) के तहत अब 10वीं की बोर्ड परीक्षा को समाप्त कर दिया गया है। इसमें यह भी दावा किया गया कि केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद देशभर में यह बड़ा बदलाव लागू किया जाएगा।
वायरल मैसेज में लिखा गया था:
“
“10वीं बोर्ड खत्म।”
“एमफिल पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाएगा और कॉलेज की डिग्री अब 5 साल की होगी।”
“5वीं तक छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा।”
“10वीं बोर्ड परीक्षा अब अनिवार्य नहीं रहेगी।”
यह खबर तेजी से लोगों के बीच फैली और कई अभिभावकों और छात्रों ने इसे गंभीरता से लिया।
PIB ने किया दावे का खंडन
जब इस मैसेज की सत्यता की जांच की गई, तो प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इसे पूरी तरह से झूठा करार दिया। PIB ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है।
PIB की पोस्ट में कहा गया:
“सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 10वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा समाप्त कर दी गई है। यह दावा पूरी तरह फर्जी है। शिक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।”
नई शिक्षा नीति और वायरल दावे के बीच का अंतर
यहां समझना जरूरी है कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलावों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन 10वीं की बोर्ड परीक्षा को समाप्त करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
नई शिक्षा नीति के तहत जिन प्रमुख बदलावों पर जोर दिया गया है, वे हैं:
बहुभाषी शिक्षा: 5वीं तक छात्रों को मातृ भाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा देने पर जोर।
शिक्षा का लचीला प्रारूप: 10+2 प्रणाली की जगह 5+3+3+4 का नया ढांचा।
उच्च शिक्षा में सुधार: एमफिल को बंद करने और स्नातक कार्यक्रमों को अधिक लचीला बनाने की योजना।
हालांकि, इन बदलावों के बावजूद, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव या निर्णय सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है।
छात्रों और अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह
इस तरह की अफवाहें न केवल छात्रों में तनाव बढ़ाती हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े करती हैं। शिक्षा मंत्रालय और PIB ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।
PIB फैक्ट चेक जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऐसी फर्जी खबरों की सच्चाई जांची जा सकती है। यह सुनिश्चित करता है कि अफवाहों के बजाय सत्य और प्रमाणित जानकारी तक ही लोगों की पहुंच हो।
अफवाहों का प्रभाव
सोशल मीडिया पर वायरल इस तरह की झूठी खबरें छात्रों को भ्रमित कर सकती हैं। इस विशेष मामले में, कई छात्रों और अभिभावकों ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को लेकर संदेह व्यक्त किया। इसने शैक्षणिक माहौल को भी प्रभावित किया।
अभिभावकों और शिक्षकों का कहना है कि इस तरह की अफवाहें पढ़ाई में गंभीरता को कमजोर कर सकती हैं और छात्रों को भविष्य की योजनाओं के प्रति असमंजस में डाल सकती हैं।