राहुल गाँधी ने वायनाड सीट छोड़ी, रायबरेली से रहेंगे सांसद, वायनाड से प्रियंका गांधी लडे़ंगी चुनाव
राहुल गाँधी ने वायनाड सीट छोड़ी, रायबरेली से रहेंगे सांसद, वायनाड से प्रियंका गांधी लडे़ंगी चुनाव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और संसद के निचले सदन में उत्तर प्रदेश की रायबरेली का प्रतिनिधित्व करेंगे। राहुल गांधी द्वारा रिक्त वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को यह जानकारी दी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा यहां अपने आवास पर इस मुद्दे पर चर्चा के बाद खरगे संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड, दो लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। चुनाव नतीजे आए 14 दिन होने को हैं। नियमों के अनुसार दो सीट से निर्वाचित सांसद को 14 दिन के भीतर कोई एक सीट छोड़नी होती है। 4 जून को नतीजे आए थे ऐसे में राहुल गांधी को 18 जून तक रायबरेली या वायनाड में से किसी एक सीट की सदस्यता से अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को देना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से जीते हैं, लेकिन कानून के अनुसार उन्हें एक सीट छोड़नी होगी। राहुल गांधी रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे और हमने फैसला किया है कि प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी।” चर्चा के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाड्रा भी उपस्थित थीं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष 2024 के आम चुनाव में दो लोकसभा सीट (वायनाड और रायबरेली) से जीत हासिल की थी, जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि वह कौन-सी सीट बरकरार रखेंगे। हालांकि, कांग्रेस की केरल इकाई के प्रमुख के। सुधाकरन ने पहले ही संकेत दे दिया था कि कांग्रेस नेता वायनाड सीट छोड़ देंगे और ऐसा हुआ भी।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी जीत हासिल करते हुए अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाकपा उम्मीदवार एनी राजा को 3,64,422 मतों के अंतर से हराया था। राहुल गांधी रायबरेली सीट से भी चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह को 3,90,030 मतों के अंतर से करारी शिकस्त देकर गांधी परिवार की पारंपरिक सीट को बरकरार रखा है।