फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का होगा विस्तार, चंडीगढ़, दिल्ली, कामरूप, कोलकाता, भोपाल, पुणे और हैदराबाद में है केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ

फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का होगा विस्तार, चंडीगढ़, दिल्ली, कामरूप, कोलकाता, भोपाल, पुणे और हैदराबाद में है केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ
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देश में वर्तमान समय में 7 केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ (सीएफएसएल) चंडीगढ़, दिल्ली, कामरूप, कोलकाता, भोपाल, पुणे और हैदराबाद में स्थित हैं। जम्मू में 8वीं सीएफएसएल की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है, जिसका कुल वित्तीय परिव्यय ₹99.9 करोड़ है। इसके अलावा, सरकार ने राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना को मंजूरी दी है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ देश में 7 अतिरिक्त सीएफएसएल की स्थापना के लिए घटक शामिल है, जिसका कुल वित्तीय परिव्यय ₹860.3 करोड़ है।
(बी) निर्भया फंड के तहत फोरेंसिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:
(i) राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में डीएनए विश्लेषण और साइबर फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए निर्भया वित्त पोषित योजना के तहत 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ₹245.29 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
(ii) सरकार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जांच अधिकारियों, अभियोजकों और चिकित्सा अधिकारियों को डीएनए साक्ष्य के संग्रह, भंडारण और हैंडलिंग और यौन उत्पीड़न साक्ष्य संग्रह किट के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दे रही है। अब तक 34,626 जांच अधिकारियों, अभियोजकों और चिकित्सा अधिकारियों को पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) और एलएनजेएन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंसेज (अब राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का दिल्ली परिसर) द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। गृह मंत्रालय ने इस प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 18020 यौन उत्पीड़न साक्ष्य संग्रह किट भी वितरित किए हैं।
(iii) चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में अत्याधुनिक डीएनए विश्लेषण तथा अनुसंधान एवं विकास सुविधा की स्थापना।
उपरोक्त के अलावा, देश में फोरेंसिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
(i) भोपाल, गुवाहाटी, पुणे और कोलकाता में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण।
(ii) केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में मशीनरी और उपकरणों का उन्नयन, जिसमें नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में फोरेंसिक, डिजिटल फोरेंसिक, डीएनए फोरेंसिक विश्लेषण, फोरेंसिक मनोविज्ञान के नए विषयों को शामिल किया गया है।
(iii) डिजिटल धोखाधड़ी/साइबर फोरेंसिक के महत्वपूर्ण मामलों की जांच के लिए हैदराबाद स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में एक राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना।
(iv) एक ई-फोरेंसिक आईटी प्लेटफॉर्म का संचालन करना, जो देश में 117 फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (केंद्रीय और राज्य) को जोड़ता है।
(v) देश के सभी हिस्सों में गुणवत्तापूर्ण और प्रशिक्षित फोरेंसिक जनशक्ति प्रदान करने के लिए वर्ष 2020 में संसद के अधिनियम के तहत राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की स्थापना की गई है। एनएफएसयू का मुख्यालय गांधीनगर, गुजरात में स्थित है। इसके अलावा, एनएफएसयू के परिसर दिल्ली, गोवा, अगरतला (त्रिपुरा), भोपाल (मध्य प्रदेश), धारवाड़ (कर्नाटक) और गुवाहाटी (असम) में स्थित हैं। एनएफएसयू ने इम्फाल (मणिपुर) और पुणे (महाराष्ट्र) में भी प्रशिक्षण अकादमी शुरू की गई हैं।
(vi) 2080.5 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ फोरेंसिक क्षमताओं के आधुनिकीकरण के लिए एक योजना को मंजूरी दी गई है। इससे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मशीनरी और उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली फोरेंसिक विज्ञान सुविधाएं विकसित करने और देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार से इन प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता को सुगम बनाने में सहायता मिलेगी।
अब तक, इस योजना के तहत “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण/उन्नयन” के घटक के लिए 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लगभग ₹200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है और “देश के सभी जिलों और राज्य एफएसएल के लिए मोबाइल फोरेंसिक वैन” के घटक के लिए 25 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लगभग ₹309 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
(vii) राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के 9 अतिरिक्त ऑफ-कैंपस की स्थापना को अन्य बातों के साथ-साथ राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना के अंतर्गत ₹1309.13 करोड़ के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है।
(viii) “महिलाओं की सुरक्षा” योजना के अंतर्गत 126.84 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 6 अतिरिक्त राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थापना को मंजूरी दी गई है।
(ix) फोरेंसिक जांच में गुणवत्ता और मानकीकरण सुनिश्चित करने के लिए, फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय, गृह मंत्रालय ने निम्नलिखित दिशानिर्देश जारी किए हैं:
– एनएबीएल मानकों (आईएसओ 17025) के अनुसार प्रयोगशालाओं की मान्यता के लिए गुणवत्ता मैनुअल और फोरेंसिक विज्ञान के नौ विषयों में कार्य प्रक्रिया मैनुअल।
– जांच अधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों के लिए यौन उत्पीड़न के मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह, संरक्षण और परिवहन के लिए दिशानिर्देश।
– फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना/उन्नयन के लिए उपकरणों की मानक सूची।
(सी) सरकार ने फोरेंसिक डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यवस्थित रूप से संग्रहीत और प्रबंधित करने के लिए 200.16 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ अंब्रेला योजना “महिलाओं की सुरक्षा” के तहत राष्ट्रीय फोरेंसिक डेटा केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी है।
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।