वाराणसी जिलाधिकारी ने चल रहे निर्माण कार्यों और बाढ़ चौकियों का किया औचक निरीक्षण
वाराणसी जिलाधिकारी ने चल रहे निर्माण कार्यों और बाढ़ चौकियों का किया औचक निरीक्षण
यह भी पढ़े आत्मनिर्भर भारत: दुनिया की पांच सबसे बड़ी कोयला खानों में से दो खानें भारत में स्थित हैं
वाराणसी। जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने गुरुवार को सामने घाट स्थित जज गेस्ट हाउस घाट के पुनर्विकास कार्य व फ्लिपर गेट के दोनों तरफ स्टोन पिंचिंग के कार्य के साथ ही संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बाढ़ चौकी प्राथमिक कन्या विद्यालय, नगवाँ तथा गोयनका संस्कृत महाविद्यालय, भदैनी का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
जज गेस्ट हाउस घाट पर 110 मीटर लंबाई वाले घाट के पुनर्विकास, दो गजीबो, एक पालकी, दो अदद चेजिंग रूम, हाई मास्ट लाइट का कार्य पूर्ण। डीएम ने निरीक्षण के दौरान डम्प पड़े कूड़े को हटाने के लिए नगर निगम के अधिकारियो को निर्देशित किया
जज गेस्ट हाउस घाट (सामने घाट) पुनर्विकास कार्य के निरीक्षण के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि 110 मीटर लंबाई वाले घाट के पुनर्विकास, दो गजीबो, एक पालकी, दो अदद चेजिंग रूम, हाई मास्ट लाइट का कार्य पूर्ण हो चुका है। ब्लॉक टॉयलेट, स्टोन पिचिंग, रैम्प और हार्टिकल्चर का कार्य प्रगति पर है।इस पर जिलाधिकारी ने अधूरे पड़े निर्माण कार्य को व्यक्तिगत रुचि लेते हुए निर्धारित मानक और गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। वही उन्होंने दूसरी तरफ निर्माणाधीन घाट के बारे में भी यूपीपीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने फ्लिपर गेट के बायीं तरफ के दोनों ओर दस मीटर में मिट्टी की कटान रोकने और गेट की सुरक्षा के लिए स्टोन पिंचिंग के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया।उन्होंने फ्लिपर गेट के दूसरे तरफ डम्प पड़े कूड़े को हटाने के लिए नगर निगम के अधिकारियो को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने बाढ़ चौकी प्राथमिक कन्या विद्यालय के निरीक्षण के दौरान साफ सफाई की व्यवस्था संतोषजनक न होने पर हेड मास्टर पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने विद्यालय की बेहतर साफ सफाई कराने के साथ ही बाढ़ आने पर वहाँ रहने वाले लोगों के लिए पीने के पानी, शौचालय, किचन आदि की व्यवस्था और कितने बाढ़ से प्रभावित परिवार आते हैं, आदि संबंधी जानकारी हेड मास्टर और स्थानीय पार्षद से ली। हेड मास्टर ने बताया कि तीस-पैंतीस परिवार के लोग आते हैं और विद्यालय में जगह कम पड़ती है, इस पर जिलाधिकारी ने बगल में खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही खाने पीने सहित अन्य जरूरत की चीजे उपलब्ध कराने के लिए लेखपाल को निर्देशित किया।गोयनका संस्कृत महाविद्यालय के निरीक्षण में जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार को हाईजेनिक किचन, शौचालय, गैस कनेक्शन, मेन्यू के अनुसार भोजन, टेंट की व्यवस्था, मौके पर डॉक्टर की उपलब्धता, विद्युत सेफ्टी, बेहतर साफ सफाई के प्रबंध करने के निर्देश दिए। प्रधानाचार्य द्वारा बाढ़ चौकी स्थापित होने के बाद बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके प्रबंध के लिए अनुरोध करने पर जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक से बात कर यथोचित वैकल्पिक व्यवस्था कराने का भरोसा दिया।
इस अवसर पर कार्यदाई संस्थाओं के अधिकारी, नायब तहसीलदार, जोनल,संबंधित थानो के प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।