सड़क पर गंदगी फैलाने पर अब ऑनलाइन कर सकेंगे चालान का भुगतान, जाने कहा मिल रही यह सुविधा
सड़क पर गंदगी फैलाने पर अब ऑनलाइन कर सकेंगे चालान का भुगतान, जाने कहा मिल रही यह सुविधा
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एमसीडी की ओर से काटे गए चालान के भुगतान के लिए अब लोगों को एमसीडी कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब लोग ऑन द स्पॉट चालान का भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए एमसीडी ने प्रत्येक विभाग के फील्ड अधिकारियों को एम चालान काटने और चालान की धनराशि ऑनलाइन लेने का अधिकार दे दिया है। एमसीडी के 12 जोन में से कई जोन में यह सुविधा शुरू हो गई है। बाकी बचे जोन में भी जल्द इस सुविधा को शुरू किया जाएगा। एमसीडी के एक सीनयिर अधिकारी ने बताया कि सिर्फ ऐसे लोगों का चालान ही एमसीडी कोर्ट में भेजा जाएगा, जो मौके पर चालान का भुगतान नहीं करना चाहते। इसके बाद काटे गए चालान पर कितना जुर्माना होगा, यह एमसीडी मैजिस्ट्रेट के ऊपर निर्भर करता है।
सड़क पर गंदगी फैलाने पर एमसीडी के डेम्स विभाग के अधिकारी डीएमसी एक्ट के तहत धारा 357 के तहत चालान काटते हैं। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों को काम से रोकने पर धारा 355, गंदगी फैलाने पर धारा 354 के तहत, टॉयलेट खुले में बहने पर धारा 361 और खाने-पीने की खराब चीजों को खुले में फेंकने पर धारा 381 के तहत चालान काटते हैं। इन धाराओं के तहत अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा पब्लिक हेल्थ, इंजीनियरिंग, बिल्डिंग और पशु विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से भी चालान काटे जाते हैं। एमसीडी अधिकारी एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने पर भी चलान काटते हैं। अलग-अलग विभागों की ओर से काटे जाने वाले चालान पर कितना जुर्माना होगा, इसका फैसला एमसीडी कोर्ट करती थी। कोर्ट में ही जुर्माना भी जमा कराया जाता है।
एमसीडी के सीनियर अधिकारी ने बताया कि लोगों को कोर्ट जाने से मुक्ति दिलाने के लिए ही एमसीडी ने एम चालान सुविधा शुरू की है। इसके तहत अलग-अलग विभागों के फील्ड अधिकारियों को चालान काटने के साथ-साथ उन्हें चालान की धनराशि ऑनलाइन जमा करने का भी अधिकार दिया गया है। एमसीडी के एक सैनिटरी इंस्पेटर (SI) Ṇने बताया कि एम चालान एमसीडी के 311 ऐप के माध्यम से किया जाएगा। इसमें जिस व्यक्ति का चालान काटा जाएगा, उसकी लोकेशन और फोटो के साथ-साथ चालान काटने वाले अधिकारी की भी पूरी डिटेल आ जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा अलग-अलग विभागों के फील्ड अधिकारियों को यूजर चार्ज मशीनें भी उपलब्ध कराई गई हैं। इसके माध्यम से भी चालान काटने के साथ-साथ जुर्माने की धनराशि भी जमा की जा सकती है।