IMD ने तूफ़ान को लेकर जारी की चेतावनी, जिसके कारण हो रही भारी बारिश
IMD ने तूफ़ान को लेकर जारी की चेतावनी, जिसके कारण हो रही भरी बारिश
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नई दिल्ली। देश के अधिकांश हिस्सों में इन दिनों दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय है। इस वजह से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार से लेकर दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र तक में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश की वजह से गुजरात में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों की तादाद में लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से नए संकट की चेतावनी दी गई है। IMD ने अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘आसना’ के एक्टिव होने की आशंका जताई है। चक्रवाती तूफान के शुक्रवार को कच्छ-पाकिस्तान तट से टकराने की बात कही गई है। IMD के वैज्ञानिक अरब सागर में इस समय चक्रवाती तूफान के सक्रिय होने पर हैरानी जताते हुए इसे रेयर मौसमी घटना बताया है।
मूसलाधार बारिश का सामना कर रहे गुजरात पर अब नया खतरा मंडराने लगा है। IMD के मौसम विज्ञानियों ने बताया कि अरब सागर में कच्छ और पाकिस्तान से लगते तटवर्ती इलाकों चक्रवात डेवलप हो रहा है, जो शुक्रवार को तटवर्ती इलाकों से टकराएगा। एक बार पूरी तरह से डेवलप होने के बाद यह कमजोर हो जाएगा और कोस्टल एरिया से दूर होता जाएगा। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि अरब सागर में उठने वाला चक्रवात उतना मजबूत या विनाशकारी नहीं है, लेकिन इसका असर गुजरात के कुछ हिस्सों में पड़ने की आशंका है। प्रदेश पहले से ही मानसूनी बारिश की चपेट में है और कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।
IMD सामान्य नहीं इस मौसम में चक्रवात
IMD के मौसम वैज्ञानिकों ने इस महीने में अरब सागर में चक्रवात उठने की घटना असामान्य बता रहे हैं। विज्ञानियों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि इस महीने में चक्रवात नहीं आते हैं, लेकिन ऐसे बहुत ही कम मामले हैं और यह सामान्य मौसमी घटना नहीं है। आमतौर पर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मानसून से पहले (मार्च, अप्रैल, मई) या फिर मानसून के बाद (अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर) चक्रवाती तूफान आते हैं, लेकिन इस बार अगस्त के अंतिम दिनों में चक्रवाती तूफान आने की संभावना बढ़ गई है।
IMD शुक्रवार का दिन बहुत भारी
अरब सागर में सबसे पहले 24 अगस्त को चक्रवाती तूफान की पहली आहट सुनाई दी थी। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि चक्रवात कम रफ्तार के साथ तट की तरफ लगातार बढ़ रहा है और इसके 30 अगस्त को पूरी तरह से चक्रवाती तूफान में बदल जाने की संभावना है। यह दक्षिण-पश्चिम से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इससे कच्छ के साथ ही सौराष्ट्र का इलाका प्रभावित होगा। साइक्लोन की वजह से गुजरात में मूसलाधार बारिश होने की आशंका और बढ़ गई है। ऐसे में प्रदेश में अभी और तबाही मच सकती है