अमरोहा: उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रिंसिपल ने लगाईं फांसी, सुसाइड नोट से खुला आत्महत्या का राज
अमरोहा: उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रिंसिपल ने लगाईं फांसी, सुसाइड नोट से खुला आत्महत्या का राज
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अमरोहा। उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रिंसिपल ने लगाईं फांसी, सुसाइड नोट से खुला आत्महत्या का राज। उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा के गजरौला थाना क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रिंसिपल ने फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी। मृतक प्रिंसिपल संजीव ने 18 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड नोट में स्कूल के दो शिक्षक और बीएसए को जिम्मेदार ठहराया है और अपना दर्द बयां किया है। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल सुबह जल्दी स्कूल आ गए थे। उन्होंने स्कूल ऑफिस में ही फांसी लगाई। इसके बाद बाकी टीचर और छात्र स्कूल आए तब मौत का पता चला।
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स्कूल में प्रधानाचार्य के सुसाइड की खबर के बाद पुलिस और प्रशासन के सीनियर अफसर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर कमरे की जांच की फिलहाल। कमरे को सील कर दिया गया है। बता दें कि प्रधानाचार्य संजीव गजरौला इलाके के सुल्तानठेर गांव में आदर्श जूनियर हाई स्कूल में प्रधानाचार्य थे। वह मूल रूप से बछरायूं इलाके के जमनाबाद गांव के रहने वाले थे। प्रधानाचार्य का स्कूल के ही किसी साथी टीचर से विवाद चल रहा था। घटना के बाद सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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संजीव कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा
संजीव कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा कि ‘मैं राघवेंद्र सिंह, सरिता सिंह और बीएसए मैडम से दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। राघवेंद्र और सरिता गाली गलौज करते हैं। उनकी यातनाओं से तो मरना अच्छा है। मैं उनकी दबंगई 2 अप्रैल 2019 से झेल रहा हूं। मैं इनकी जांच सीबीआई से करवाना चाहता हूं। उन्होंने लिखा मेरी सभी अधिकारियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि जांच करने वाला मुरादाबाद मंडल का ना हो, क्योंकि उनकी दबंगई पूरे मंडल में चलती है। प्रताड़ना की सारी दास्तां सुसाइड रजिस्टर में लिखी है, जो 18 पेज की है जब तक डीएम साहिबा और बीएसए मैडम न आएं तब तक मेरी बॉडी को छूना नहीं। मेरे पास स्कूल का कोई सामान नहीं है। दोनों टैबलेट नई वाली सेफ में रखे हैं। परिमा शर्मा को स्कूल का इंचार्ज बनाना है। वही सबसे सीनियर टीचर हैं।
बेटे ने लगाया प्रताड़ना का आरोप
मृतक के बेटे अनुज सिंह ने बताया कि स्कूल टीचर पिता को प्रताड़ित करते थे। हर रोज लड़ाई करते थे। आज घर से 7 बजे निकले थे। दूसरे टीचरों ने शव लटकता देख इसके बाद उन लोगों ने सूचना दी। पिता ने व्हाट्सएप पर मुझे मैसेज भी किया था, लेकिन देखने से पहले डिलीट कर दिया था। कल रात से वे परेशान दिख रहे थे, हमने उनसे पूछा भी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया।