Thursday, December 26, 2024

बरेका महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित चेतना विशेष विद्यालय का 28वां वार्षिक उत्सव – आत्मनिर्भरता और समर्पण की मिसाल

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बरेका महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित चेतना विशेष विद्यालय का 28वां वार्षिक उत्सव – आत्मनिर्भरता और समर्पण की मिसाल

बरेका महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित चेतना विशेष विद्यालय का 28वां वार्षिक उत्सव – आत्मनिर्भरता और समर्पण की मिसाल
बरेका महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित चेतना विशेष विद्यालय का 28वां वार्षिक उत्सव – आत्मनिर्भरता और समर्पण की मिसाल

बरेका महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित चेतना विशेष विद्यालय का 28वां वार्षिक उत्सव – आत्मनिर्भरता और समर्पण की मिसाल

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वाराणसी, 25 दिसंबर 2024 – बनारस रेल इंजन कारखाना, महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित चेतना विशेष विद्यालय ने अपने गौरवशाली 28 वर्षों का सफर पूरा करते हुए वार्षिक उत्सव का भव्य आयोजन किया। 1996 में स्थापित यह विद्यालय दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत है।

 

मुख्य अतिथि बरेका महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह और महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती हीमा सिंह चौहान ने दीप प्रज्वलन कर वार्षिक उत्सव का शुभारंभ किया।

 

इस वर्ष का वार्षिक उत्सव ‘रेनबो’ थीम पर आधारित था जो विविधता और बच्चों की प्रतिभा का प्रतीक है। दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बच्चों ने मनमोहक नृत्य, नाटक और प्रेरणादायक कविताओं के माध्यम से सभी का दिल जीत लिया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां – बच्चों ने ‘लकड़ी की काठी’, ‘चक धूम धूम’, ‘गज बन पानीले चली’ जैसे नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।

 

उत्पाद और प्रशिक्षण

चेतना विद्यालय न केवल दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न रोजगारपरक प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।

 

विद्यालय के उत्पाद:

पोटली और बैग – सुंदर और आकर्षक डिजाइन के साथ हस्तनिर्मित बैग और पोटलियां।
मिलेट्स का आटा – विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट्स (बाजरा, रागी आदि) का आटा।
दीपावली के अवसर पर मोमबत्तियां – दिवाली के दौरान हाथों से बनी रंग-बिरंगी मोमबत्तियां।
होली के अवसर पर गुलाल – प्राकृतिक और रासायनिक रहित रंगों से निर्मित गुलाल।
स्कूल इंचार्ज श्रीमती स्वाति चौधरी ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया।

स्कूल इंचार्ज श्रीमती अंजू गुप्ता के नेतृत्व में श्रीमती श्यामली सिंह, श्रीमती रजनी श्रीवास्तव, श्री तमा और श्री सतीश ने बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा –
“चेतना विद्यालय द्वारा किया जा रहा कार्य समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है। यह विद्यालय दिव्यांग बच्चों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”महाप्रबंधक ने बच्चों एवं अध्यापिकाओं को पुरस्कार देने की घोषणा की।

महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती हीमा सिंह चौहान ने बच्चों को पुरस्कृत करते हुए कहा –
“हमारा उद्देश्य इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।”

कार्यक्रम में महिला कल्याण संगठन की उपाध्यक्ष श्रीमती गौरी श्रीवास्तव, सचिव श्रीमती श्वेता सिंह, कोषाध्यक्ष श्रीमती अनुप्रिया सिंह, श्रीमती शिखा जैन ,श्रीमती रश्मी सिंह ,श्रीमती अनुप्रिया सिंह ,श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ,श्रीमती लक्ष्मी चौधरी
श्रीमती राखी गुप्ता ,श्रीमती अंकिता कटियार ,श्रीमती अर्चना तिवारी ,श्रीमती सुजाता सिंह ,श्रीमती ऋचा कारीढाल
एवं जनसंपर्क अधिकारी श्री राजेश कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विद्यालय के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें बच्चों द्वारा निर्मित वस्त्र, बैग, पोटलियां और मोमबत्तियां शामिल थीं। उपस्थित लोगों ने इन उत्पादों की सराहना की
संपूर्ण कार्यक्रम का सुरुचिपूर्ण संचालन विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती राखी ने किया।

चेतना विद्यालय का यह प्रयास समाज के लिए एक प्रेरणादायक पहल है, जो न केवल बच्चों के आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में अग्रसर है, बल्कि एक समावेशी समाज के निर्माण में भी योगदान दे रहा है।

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