उत्तर प्रदेश एसटीएफ को मिली सफलता टाइमर बम सहित संदिग्ध गिरफ्तार, ऑर्डर देने वाली महिला फरार
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में STF ने शुक्रवार सुबह एक संदिग्ध को 4 टाइमर बम सहित किया गिरफ्तार। उससे पूछताछ की जा रही है। इसके बादमेरठ से बम स्क्वायड को बुलाया गया, बम स्क्वायड ने चारोंबमों को डिफ्यूज कर दिया। इन बमों का इस्तेमाल किसी बड़ी प्लानिंग में किया जाना था। मामला खालापार इलाके बताया जा रहा है। एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने मीडिया को बताया कि, ‘संदिग्ध को ‘4 बमों के साथ गिरफ्तार किया गया। इन बमों को रिमोट और टाइम से टिगर किया जा सकता है। जानकारी मिली है कि जिन लोगों ने इन बमों को बनाया है, उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों के समय भी ऐसे ही बम बनाए थे। ये बम लोगों को बांटे भी गए थे। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। जो भी चीजें सामने आएगी, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”
महिला ने दिया था टाइमर बम बनाने का ऑर्डर
वहीं, STF सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार संदिग्ध जावेद ने STF को बताया कि ये बम एक महिला ने ऑर्डर देकर बनवाए थे। अब उस महिला की तलाश की जा रही है। जावेद इससे पहले भी टाइमर बम बना चुका था। उसकी ननिहाल नेपाल में है। पुलिस अब उसका नेपाल कनेक्शन भी खंगाल रही है। बता दें, जावेद के दादा का पटाखे बनाने का काम था। बताया जा रहा है कि दादा से ही जावेद ने बम बनाना सीखा। इसके बाद उसने IED बम बनाना सीखा। STF के एडिशनल एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया, ”जावेद पहले रेडियो ठीक करने का काम भी करता था। इसलिए उसको मशीनों के बारे में अच्छी-खासी नॉलेज भी है।”
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पूछताछ में जावेद ने इससे पहले भी टाइमर बम बनाने की बात कबूल की है। फिलहाल इंटेलिजेंस ब्यूरो और ATS की टीमें भी जावेद से पूछताछ कर रही हैं। जावेद शहर कोतवाली क्षेत्र के मिमलाना रोड का रहने वाला है। दरअसल, STF को मुखबिर से सूचना मिली कि जावेद नाम का एक व्यक्ति काली नदी के न्याजूपुरा पुल के पास आने वाला है। उसके पास कुछ संदिग्ध सामान है। इस पर STF ने जावेद को तुरंत मौके पर पकड़ लिया। उसके पास एक नीले रंग का बैग था। जब STF ने बैग को खोलकर देखा गया, तो उसके अंदर एक कैंपस शूज का डिब्बा मिला। इसके अंदर 4 टाइमर बम (IED) मिले। इस पर जावेद को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही बम डिस्पोजल स्क्वायड को भी मौके पर बुलाया गया।
एसटीएफ ने डिफ्यूज किया टाइमर बम
इसके बाद बोतल बमों को घटनास्थल से करीब 200 मीटर दूर काली नदी पुल से न्याजूपुरा के जंगल में (सेफ डिस्पोजल एरिया) ले जाय गया, जहां उन्हें डिफ्यूज कर दिया गया। जावेद ने STF को बताया, ”ये चारों बोतल बम (IED) हैं। बोतल के अंदर गन पाउडर-999, लोहे के छर्रे, रुई, पीओपी है। ये बोतल बम मैंने शामली के थाना बाबरी के बंतीखेड़ा गांव की रहने वाली इमराना पत्नी आजाद के कहने पर खुद तैयार किया। मैंने ग्लूकोज की बोतलें डॉक्टरों से, लोहे के छर्रे साइकिल की दुकान से और घड़ी की मशीन घड़ी की दुकानों से लीं। इमराना ने मुझे बोतल बम तैयार करने के लिए 10 हजार रुपए पहले दिए थे, जबकि 40 हजार रुपए बम की डिलीवरी के समय देने को कहा था। मैं आज इन तैयार बोतल बमों को इमराना को देने आया था।”
अभियुक्त ने सोशल मीडिया का भी लिया सहारा
बोतल बम बनाने के बारे में जावेद ने बताया, ”मुजफ्फरनगर के रामलीला टीला में रहने वाले मेरे चाचा मो. अरर्शी पटाखे बनाने का काम करते हैं। उनके यहां रहकर मैंने बारूद और बोतल बम (IED) बनाने का काम सीखा। साथ ही कुछ जानकारी यू-ट्यूब और इंटरनेट से ली। इन टाइमर बम का कहां प्रयोग करना था, इस बारे में इमराना ही जानती है।” जावेद ने बताया, ”मेरी मां का नाम नीतू है। वह नेपाल के काठमांडू की रहने वाली है। मेरे पिता नेपाल घूमने गए थे, वहीं पर उनकी जान-पहचान हुई। फिर उन्होंने वहीं पर शादी कर ली। मेरे 2 भाई और 1 बहन है, जिनका जन्म नेपाल में ही हुआ था। मेरी बहन की शादी नेपाल में ही हुई है। जबकि भाई अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहकर एमसीआर शॉपिंग स्टोर पर काम करता है। मैंने नर्सरी से कक्षा-7 तक की पढ़ाई नेपाल में ही हुई। इसके बाद मैं अपने दादा के यहां मुजफ्फरनगर आ गया था। तब से यहीं पर हूं।”
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