Monday, November 25, 2024

जब भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में बड़ी तबाही को रोकने में निभाई अहम् भूमिका

- Advertisement -
जब भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में बड़ी तबाही को रोकने में निभाई अहम् भूमिका
जब भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में बड़ी तबाही को रोकने में निभाई अहम् भूमिका

जब भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में बड़ी तबाही को रोकने में निभाई अहम् भूमिका


 जब भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में बड़ी तबाही को रोकने में निभाई अहम् भूमिका। सीएनएन के दावे के मुताबिक भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन पर परमाणु हमला करने से रोकने में अहम् भूमिका निभाई।  भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी की दखल के बाद परमाणु युद्ध का खतरा टला था। एक अमेरिकी रिपोर्ट में भारत और अन्य देशों की यूक्रेन में हो रही जंग में निभाई गई भूमिका पर यह दावा किया गया है।

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है। अब इस युद्ध को लेकर एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि साल 2022 के अंत में रूस-यूक्रेन पर परमाणु हमले की योजना बना रहा था। इस हमले को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ देशों के नेताओं मुख्य भूमिका निभाई थी। सीएनएन ने रविवार को एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 2 सीनियर अधिकारियों के हवाले से दावा करते हुए बताया कि साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ देशों के नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति से बात कर यूक्रेन में होने वाले परमाणु हमले को रोकने में मदद की थी। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन परेशान था कि रूस-यूक्रेन को खत्म करने के लिए सामरिक या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। इसको लेकर अमेरिका ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य देशों के नेताओं से से संपर्क किया और हमने साफ संदेश दिया। जिससे हमें इस भीषण संकट को टालने में मदद मिली।

यह भी पढ़े वाराणसी राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन 19 करोड रुपए से ज्यादा की हुई वसूली

2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष भड़कने के बाद अमेरिका ने कीव के खिलाफ मॉस्को की ओर से संभावित परमाणु हमले से निपटने के लिए जोर से तैयारी शुरू कर दी थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएनएन ने दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य देशों की पहुंच ने भी संकट को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन प्रशासन इस आशंका को लेकर खास तौर से चिंतित था कि रूस टैक्टिकल या बैटलफील्ड न्यूक्लियर वेपन का इस्तेमाल कर सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दखल के बाद रूस और यूक्रेन के बीच परमाणु युद्ध का खतरा टाला जा सका। यह दावा दो टॉप अमेरिकी अधिकारियों ने किया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच 2022 के फरवरी में शुरू हुआ संघर्ष परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन संघर्ष टालने में दुनिया के बड़े नेताओं ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। जिनमें सबसे ऊपर पीएम नरेंद्र मोदी का नाम है।

यूक्रेन से जुड़े हर मामले में भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी दिखे सक्रिय


रूस और यूक्रेन का संघर्ष दो साल पुराना है। फरवरी, 2022 में शुरू हुए हिंसक संघर्ष और गहराते मानवीय संकट के बीच बीते 24 महीने से अधिक समय में इस युद्ध के परमाणु संघर्ष की तरफ बढ़ने की कई रिपोर्ट्स भी सामने आईं। दोनों देशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी या उनकी सुरक्षा के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाली थी। अब एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी और कई वैश्विक नेताओं की सक्रियता के कारण परमाणु युद्ध को टाला जा सका।

भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर अमेरिकी अधिकारियों ने क्या कहा?


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में शामिल दो टॉप अधिकारियों के हवाले से आई सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों का टकराव रोकने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की। इस रिपोर्ट का दावा है कि पीएम मोदी और कई अन्य वैश्विक नेताओं की सक्रियता के कारण रूसी सेना और पुतिन को समझाने में कामयाबी मिली। इसके बाद ही यूक्रेन पर परमाणु हमला टाला जा सका।

सीएनएन की रिपोर्ट

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, आशंकाओं के बीच अमेरिका ने रूस को ऐसे हमले से हतोत्साहित करने के लिए भारत सहित गैर-सहयोगियों की मदद लेने की मांग की थी। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों के आउटरीच और सार्वजनिक बयानों से संकट को टालने में मदद मिली। सीएनएन ने एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से बताया, ”मुझे लगता है कि हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बारे में चिंता दिखाना, विशेष रूप से रूस और वैश्विक दक्षिण के लिए प्रमुख देशों की चिंता, एक सहायक प्रेरक कारक था और उन्हें दिखाया कि इस सब की कीमत क्या हो सकती है।”

अधिकारी ने कहा

अधिकारी ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह तथ्य कि हम जानते हैं कि भारत का महत्व है, चीन अहमियत रखता है, दूसरों का महत्व है, उन्होंने उनकी (रूस) सोच पर कुछ प्रभाव डाला होगा।” अधिकारी ने कहा, ”मैं इसे सकारात्मक रूप से प्रदर्शित नहीं कर सकता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि यह हमारा आकलन है।” बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में भारत ने हमेशा नागरिकों की हत्या की निंदा की है और शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकालने का आह्वान किया है। पिछले साल उज्बेकिस्तान में एससीओ समिट से इतर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। उनके इस बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं और यह बयान भारत की अध्यक्षता में जी20 की विज्ञप्ति में भी दिया गया था।

- Advertisement -

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Market Updates
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
अन्य खबरे
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com