केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने 22 लोगों की मौत के बाद वापस लिया टैक्स कानून
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने 22 लोगों की मौत के बाद वापस लिया टैक्स कानून, नई दिल्ली, केन्या की सरकार ने ज्यादा टैक्स वसूलने के लिए एक कानून लागू किया था। जिसके विरोध में जनता सड़कों पर उतर आई। सरकार के खिलाफ जनता ने विद्रोह कर दिया। जनता विरोध करते करते संसद में घुस गई और आग लगाने की कोशिश की। पुलिस की फायरिंग में 22 से ज्यादा लोग मार दिए गए। अंत में सरकार को जनता के आगे झुकना पड़ा। सरकार ने विवादित कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया।
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि वह मंगलवार को हुए घातक विरोध प्रदर्शनों के बाद विवादास्पद कर वृद्धि वाले वित्त विधेयक को वापस ले रहे हैं। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि केन्याई लोग इस विधेयक को नहीं लाना चाहते। उन्हें यह मंजूर नहीं है। मैं उनके फैसले के आगे सिर झुकाता हूं और उनके फैसले को स्वीकर करता हूं। मैं इस विधेयक पर दस्तखत नहीं करूंगा।
केन्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार, टैक्स कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में कम से कम 22 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। राष्ट्रपति रुटो ने कहा कि वह अब युवाओं के साथ बातचीत करेंगे। उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे कि आखिर इस तरह के कानून देश के लिए कितना जरूरी हैं। कानून के खिलाफ जब विद्रोह शुरू हुआ, तो शुरुआत में राष्ट्रपति रूटो ने इसे ताकत के दम पर कुचलना चाहा। लेकिन जब प्रदर्शनकारी संसद में घुस गए। आग लगानी शुरू कर दी, तो उन्हें झुकना पड़ा।
हालात बेकाबू होता देख राष्ट्रपति ने 24 घंटे से भी कम समय में दो बार राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि टैक्स बढ़ाना देश के लिए कितना जरूरी था। देश 80 बिलियन डॉलर के कर्ज में डूबा हुआ है, उसके राजस्व का 35 फीसदी हिस्सा सिर्फ इसका ब्याज चुकाने में जा रहा है। अगर हम कुछ कर्ज चुकाने में सफल रहते तो किसानों, छात्रों और शिक्षकों को लाभ होता। हालांकि, बाद में राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि लोग उनके साथ नहीं हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके पीछे हटने से आंदोलन बंद होंगे या नहीं, क्योंकि आंदोलन सोशल मीडिया के माध्यम से चल रहे हैं।