केंद्र सरकार के अधीन एवं राज्य सरकार की निगरानी में मानव एवं बाल तस्करी पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला प्रशासन वाराणसी ने संयुक्त तत्वाधान में सर्किट हाउस में आयोजित की कार्यशाला
बाल तस्करी से आजादी 2.0 सीमावर्ती और निकटवर्ती जिलों में मानव तथा बाल तस्करी से संबधित मुद्दों को रोकने और मुकाबला करने हेतु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार नई दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला प्रशासन वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में सभी हितधारकों के साथ सर्किट हाउस में आयोजित हुई कार्यशाला ।
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कार्यशाला का उद्घाटन डाक्टर पीएम नायर रिटायर्ड आईपीएस भूतपूर्व डीजीपी एनडीआरएफ जो कि कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में थे,मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ,अपर जिलाधिकारी नगर आलोक कुमार वर्मा ,अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ममता रानी ,जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडे द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा अपने संबोधन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बाल संरक्षण के मुद्दों पर जनपद वाराणसी को हमेशा प्रमुखता देने तथा सभी हितधारको को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का मार्गदर्शन दिया गया ,राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य इंजीनियर अशोक यादव द्वारा अपने संबोधन में बाल संरक्षण के मुद्दों को जमीनी स्तर पर जन जन तक पहुंचाने तथा बाल तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे से सभी बच्चो को बचाने हेतु अनुरोध किया गया।कार्यशाला में प्रशिक्षक की भूमिका में रहे डॉक्टर पीएम नायर रिटायर्ड (आईपीएस)भूतपूर्व डीजीपी एनडीआरएफ द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया गया कि बाल तस्करी एक बहुत गंभीर अपराध है जो मानव अधिकारों के हनन का सबसे खराब रूप है जो कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक बहुत बड़ी बाधा है बाल तस्करी से निपटने हेतु सभी हितधारकों के हस्तक्षेप और ध्यान देने की आवश्यकता है ,बॉर्डर के इलाके के कुछ जनपदों की छिद्र पूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमाएं कई स्थितियों से साझा होती हैं जो कि तस्करों को और सक्षम तथा आकर्षित करती हैं ।बच्चे बहुत कोमल लक्ष्य समूह होते हैं जो इन शिकारियों के समूह का आसान निशाना बन जाते हैं पीड़ित बच्चे शारीरिक यौन शोषण, भावनात्मक, हिंसा, दुर्व्यवहार, यातना, बंधुआ मजदूरी, जबरन विवाह और गुलामी जैसी प्रथाओं का शिकार होते हैं ऐसे बच्चों का जीवन बहुत डरा हुआ और सभी प्रकार के अधिकारों से वंचित होता है,उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहयोग से बाल तस्करी से निपटने हेतु बाल तस्करी से आजादी 2.0 एक विशेष अभियान की शुरुआत 1 अगस्त 2022 से भारत के सीमावर्ती 75 जनपदो से किया है जिसे 30 जुलाई 2024 विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर 100 जनपदों तक पहुंचाते हुए समापन करने का लक्ष्य रखा किया गया है।अपने सत्र के दौरान डॉक्टर नायर ने जिला प्रशासन वाराणसी के द्वारा मिसिंग बच्चो को घर भेजने के अभियान की काफी सराहना की पुलिस विभाग द्वारा बच्चो को तस्करों द्वारा बेच दिए जाने के प्रकरण की गई कार्यवाही की गुडिया संस्था द्वारा पुलिस ,बाल कल्याण समिति ,जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चो के प्रकरण में किए गए कार्य की सराहना की साथ ही जनपद में कार्यरत एनजीओ,जिला प्रशासन पुलिस विभाग ,जिला बाल संरक्षण इकाई ,बाल कल्याण द्वारा अब तक किए गए कार्यों को सराहना करते हुए भविष्य में और बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने की रूपरेखा तय करने को कहा ।
सभी हितधारकों को बच्चो के साथ कार्य करते समय संवेदन शीलता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया ,सभी स्कूल कॉलेज में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ग्रुप बनाकर पुलिस विभाग ,शिक्षा विभाग को बच्चो के साथ होने वाले विभिन्न अपराधो पर उन्हे जागरूक करने की जरूरत है ।जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा कार्यशाला में बाल संरक्षण के क्षेत्र में अब तक किए गए कार्यों को संक्षिप्त रूप में बताया देखरेख एवम संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चो को चिन्हित कर स्पॉन्सरशिप योजना के तहत पूरे प्रदेश में जनपद वाराणसी प्रथम स्थान पर बच्चो को लाभांवित करने में है अब तक कुल 2214 बच्चो की स्वीकृति जिला स्तरीय समिति से हो चुकी है इसी प्रकार मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना में 357 बच्चो को तथा 1821 बच्चो को मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के तहत स्वीकृति मिल चुकी है। कार्यशाला में जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी संजय कुमार मिश्र,जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह,अध्यक्ष बाल कल्याण समिति स्नेहा उपाध्याय ,संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह,सहायक श्रमायुक्त ,जिला पंचायत राज अधिकारी,जिला विद्यालय निरीक्षक ,खंड शिक्षा अधिकारी ,बाल विकास परियोजना अधिकारी ,सभी थाने से बाल कल्याण पुलिस अधिकारी ,एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने की टीम जिला बाल संरक्षण इकाई ,डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड हेल्प लाइन यूनिट की टीम तथा गुड़िया संस्था से अजीत सिंह ,मंजू , राजीव कुमार सिंह ,राजेश कुमार श्रीवास्तव के साथ बाल संरक्षण के मुद्दों पर कार्यरत सभी एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।