RTI के जवाब में रेलवे ने वृद्ध रिटायर्ड रेल कर्मी को परेशान करने के उद्देश्य से फर्जी मेल आईडी आवेदक को उपलब्ध कराई
RTI के जवाब में रेलवे ने वृद्ध रिटायर्ड रेल कर्मी को परेशान करने के उद्देश्य से फर्जी मेल आईडी आवेदक को उपलब्ध कराई
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समाजसेवी एवं वेस इंडिया संस्था के संस्थापक डॉ राजेश श्रीवास्तव के श्वसुर जे एन वर्मा जी को रेलवे विभाग में अपनी 38 वर्षों की सेवा देने के बाद भी रेलवे की गलतियों की वजह से पे फिक्सेशन के मामले में आ रही दिक्कत। वर्तमान में 82 वर्षीया जे एन वर्मा 2003 में रिटायर हुए थे, रिटायरमेंट के बाद से ही इनके पे फिक्सेशन का मामला गर्म है।
समाजसेवी एवं वेस इंडिया संस्था के संस्थापक डॉ राजेश श्रीवास्तव का आरोप है की रेलवे रिटायरमेंट के बाद भी उनके मुद्दे को सुलझाना नही चाह रही और लगातार झूठ का सहारा लेते हुए इनको वृद्धावस्था में परेशान कर रही है। इसी क्रम इन्होंने अभी कुछ दिनों पहले रेलवे से आरटीआई अधिनियम 2005 के अंतर्गत कुछ सूचनाये मांगी लेकिन सूचना मिलने के उपरांत जवाब से संतुष्ट न होने पर इन्होंने उसी लेटर में उल्लेखित मेल एड्रेस पर मुझसे मेल कराया जो प्रथम अपील के रूप में भेजा जाना था। लेकिन अत्यंत आश्चर्यजनक यह रहा कि प्रथम अपील की वह मेल वापस लौट आई।
वापस लौटने का कारण दिया था कि यह मेल आईडी एक्जिस्ट ही नहीं करती। यह अत्यंत अचंभे वाली बात है कि रेल अधिकारियों के मन में कानून के प्रति जरा भी सम्मान नहीं , उनके अंदर इन कानूनो का जरा भी भय नहीं है। तभी उन्होंने मेरे श्वसुर को वर्षों से उनके जीवन भर की मेहनत और कमाई को भी झूठ बोल कर छुपाना चाहते हैं और सही जवाब नही देना चाहते है। उनके द्वारा उद्धृत यह गलत मेल इस बात का पुख्ता प्रमाण है ( Attached & Highlighted ) यह साबित करता है पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा लीगल मुद्दों पर भी सही जवाब नही दिया जा रहा और मामले को दबाने के लिए झूठ का भी सहारा लिया जा रहा।
इस आशय का अपने ससुर श्री वर्मा की तरफ से एक ट्वीट भी मैने किया है। जिसका लिंक हमने आपसे शेयर किया है । जिसमें हमने प्रधानमंत्री जी को बनारस के सांसद होने के नाते, प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय, रेल मंत्री, जी एम NE Rly, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इत्यादि को ट्वीट के माध्यम से सूचित करते हुए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।