Sunday, November 24, 2024

 बरेका में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया 

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 बरेका में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया

बरेका में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया 
बरेका में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया

बरेका में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया

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दिनांक 31 जुलाई 2024 को कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती ब.रे.का. इंटर कॉलेज में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। विद्यालय के संयोजक एवं वरिष्ठ प्रवक्ता श्री धर्म वीर सिंह ने कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संगीत अध्यापिका श्रीमती काजोल वाल्मीकि ने गणेश वंदना की भावभीनीं प्रस्तुति कर माहौल को नवीन ऊर्जा से भर दिया l कक्षा-7 की छात्रा स्नेही वर्मा ने “हिंद साहित्य में महत्वपूर्ण दिन आया” नामक स्वरचित कविता के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद को याद किया। कक्षा-11 की छात्रा द्वय कुमारी राशि पटेल और सौम्या मिश्रा ने मुंशी प्रेमचंद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला एवं आश्वी यादव ने मुंशी जी की कहानी “बूढी़ काकी” को अपने ढंग से प्रस्तुत कर वृद्धों की भावनाओं और समस्याओं को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।

हिंदी अध्यापिका श्रीमती करुणा सिंह ने “ईदगाह” कहानी के माध्यम से बच्चों को महत्वपूर्ण सीख दी। हिंदी प्रवक्ता द्वय श्री राकेश चौधरी एवं श्रीमती शालिनी उपाध्याय ने मुंशी प्रेमचंद के बारे में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए उनसे कदम-कदम पर सीख लेने की बात कही। वरिष्ठ भौतिकी प्रवक्ता श्री सुकेस जी आनंद में “बूढी काकी” और ईदगाह कहानी के माध्यम से बच्चों को जीवन में शिक्षा ग्रहण करने की बात कही।

बच्चों ने पाठ्यक्रम में पढ़ी कहानियों ईदगाह, दो बैलों की कथा, मंत्र, नमक का दरोगा आदि के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद को भावभीनीं श्रद्धांजलि दी। विद्यालय के संयोजक एवं वरिष्ठ प्रवक्ता ने मुंशी प्रेमचंद की विभिन्न कहानियों- गुल्ली डंडा, प्रेरणा, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी आदि को याद करते हुए बच्चों से अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद के बारे में पढ़ने, स्टेटस लगाने और कहानी शेयर करने का पुरजोर आग्रह करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अंत में विद्यालय के प्राचार्य श्री अशोक कुमार माहेश्वरी ने धनपत राय से नवाब राय होते हुए मुंशी प्रेमचंद नाम से साहित्य शिरोमणि बनने के सफर का जिक्र करते हुए अनूठे अंदाज में भाव सुमन अर्पित किए।

भूगोल प्रवक्ता श्री विकास कुमार पाण्डेय ने प्रेमचंद की पहली कहानी “दुनिया का सबसे अनमोल रतन” की चर्चा करते हुए देश के प्रति उनके प्रेम को रेखांकित करते हुए कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

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