स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बरेका में कवि सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन संपन्न
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बरेका में कवि सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन संपन्न
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संस्थान बरेका के तत्वाधान में तथा काशी काव्य संगम के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संस्थान के बहुउद्देशीय हाल में कवि सम्मेलन व पुस्तक विमोचन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी डॉक्टर संजय सिंह, विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क अधिकारी बरेका श्री राजेश कुमार एवं डॉक्टर रजनी अग्रवाल, वरिष्ठ साहित्यकार; डॉ. वेद प्रकाश पांडे, वरिष्ठ साहित्यकार; डॉक्टर महेंद्र नाथ तिवारी “अलंकार”, वरिष्ठ साहित्यकार; श्री शमशेर बहादुर सिंह, अध्यक्ष एस बी ग्रुप आफ एजुकेशन तथा पुस्तक काव्य सरिता पर विचार रखने हेतु डॉक्टर मुक्ता, वरिष्ठ साहित्यकार एवं डॉक्टर राम सुधार सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार व आलोचक रहे।
पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री हीरालाल मिश्र मधुकर, वरिष्ठ साहित्यकार ने की। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवम् दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसे अतिथियों ने संपन्न किया। पुस्तक काव्य सरिता के विमोचन के अवसर पर पुस्तक के संपादक आलोक सिंह बेताब ने बताया कि काव्य सरिता (साझा संग्रह) प्रति वर्ष काशी काव्य संगम द्वारा प्रकाशित की जाती है। इस बार पुस्तक में 35 कवि/कवयित्रियों की रचनाएं शामिल की गई हैं।
मुख्य अतिथि डॉक्टर संजय सिंह ने कहा कि संस्थान, बरेका द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संचालित होती हैं, परंतु साहित्यिक क्षेत्र में भी इसकी गतिविधियों तथा नए-नए लोगों को प्रोत्साहित करना बहुत ही उल्लेखनीय है। बरेका में संस्थान द्वारा ऐसा साहित्यिक वातावरण तैयार किया गया है जो स्वर्गीय राम विनायक सिंह द्वारा पूर्व में बनाया गया था। मैं संस्थान, बरेका तथा काशी काव्य संगम के पदाधिकारियों को साधुवाद देता हूं।
काव्य सरिता पर बोलते हुए डॉक्टर मुक्ता ने कहा कि पुस्तक में स्त्रियों पर बहुत अच्छी-अच्छी रचनाएं शामिल हैं, जो पढ़ने योग्य हैं। अन्य रचनाएं भी बहुत सुंदर हैं, परंतु कुछ रचनाओं पर और भी मेहनत करने की आवश्यकता है। डॉक्टर राम सुधार सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में गजल, छंदयुक्त और छंदमुक्त कविताएं बहुत सुंदर और पठनीय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान बरेका और काशी काव्य संगम स्वर्गीय राम प्रवेश तिवारी रागेश तथा श्री महेंद्र कुमार सिंह नीलम की धरोहर को आगे बढ़ा रहे हैं, जो बहुत ही सुंदर है।
इस अवसर पर अध्यक्ष श्री हीरालाल मिश्र मधुकर ने कहा कि संस्थान व काशी काव्य संगम नए-नए साहित्यकारों को पुस्तकों में जगह देकर उन्हें सींचने का काम कर रहे हैं, जो भविष्य में अच्छे साहित्यकार बनेंगे और लोग उन्हें सुनेंगे और पढ़ेंगे।
वक्ताओं के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. वेद प्रकाश पांडेय, नसीम साज, अखलाक खान भारतीय, ओम प्रकाश चंचल, गौतम अरोड़ा सरस, शिवकुमार अग्रवाल, अमित कुमार, दीपक शर्मा, आनंद प्रकाश पाल, राजीव कुमार, अनिकेत रंजन, अरविंद कुमार तिवारी, गणेश सिंह प्रहरी, अमृत प्रकाश, कुंवर सिंह कुंवर, शमीम गाजीपुर, डॉ. विभा तिवारी, करुणा सिंह, डॉ. नसीमा निशा, मधुलिका राय, डॉ. सुभाष चंद्र, शालिनी, रविकांत मिश्रा, मुनेंद्र कुमार पांडेय, पूनम त्रिपाठी, अखिलेश कुमार त्रिपाठी, जयप्रकाश मिश्र धानापुरी, टीकाराम शर्मा आचार्य, डॉ. सुभाष, डॉ. वात्सल्या, रामकृष्ण मिश्रा, विंध्यवासिनी मिश्रा, बलाल अहमद, राम नरेश नरेश, संजय कुमार विश्वकर्मा, नाथ सोनाचली, भुलक्कड़ बनारसी, डॉ. छोटेलाल सिंह, विकास सिंह, रविकांत मिश्रा, संगीत तिवारी, रामनरेश पाल महगावी, रामनरेश नरेश, नंदलाल राजभर, आनंदपाल, मनीबेन द्विवेदी, आनंद कृष्ण मासूम, विजय चंद त्रिपाठी, झरना मुखर्जी, डॉ. इशरत जहां, माधुरी मिश्रा, परमहंस तिवारी परम, डॉ. एकता, सुनीता जौहरी, इमरान बनारसी, अजय कुमार पांडे, विजय शंकर तिवारी, संध्या मौर्य, विंध्यवासिनी मिश्रा इत्यादि ने अपनी-अपनी रचनाओं से पूरे हाल को देशभक्ति के रंग में सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र व तिरंगा पट्टा देकर डॉक्टर नसीमा निशा, राष्ट्रीय सचिव, काशी काव्य संगम; श्री अरविंद तिवारी, उप सचिव, संस्थान; श्री रविंद्र प्रसाद यादव, संयुक्त सचिव, संस्थान ने किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन श्री अखिलेश कुमार, उप संयुक्त सचिव, संस्थान ने किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन विकास पांडे विदिप्त, मधुलिका राय तथा नसीम साज जी ने किया।