कोलकाता: लेडी डॉक्टर मर्डर के बाद, कोलकाता डर्बी किया गया रद्द, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जाने वजह
कोलकाता: लेडी डॉक्टर मर्डर के बाद, कोलकाता डर्बी किया गया रद्द, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जाने वजह
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कोलकाता में लेडी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बाद देशभर में गुस्सा देखा जा रहा और इस गुस्से कट्टर दुश्मनों को भी साथ ला दिया है। रविवार को यहां कुछ ऐसी तस्वीरें देखने को मिलीं जो पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा। कोलकाता के ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब और मोहन बागान को कट्टर विरोधी माना जाता है, लेकिन आरजी कर अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर दोनों कल्ब के समर्थक एकसाथ सड़क पर प्रदर्शन करते दिखे।
बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और इसके विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में प्रभावशाली मेडिकल बिरादरी भी शामिल है। इसी कड़ी में कोलकाता के बाहरी इलाके में साल्ट लेक स्टेडियम के आसपास एकता के नारे गूंज रहे थे।
दरअसल, दोनों क्लबों के बीच सीजन का पहला ‘कोलकाता डर्बी’ होना था। बता दें कि दोनों क्लबों के बीच होने वाले इस मुकाबले को ‘कोलकाता डर्बी’ के नाम से जाना जाता है। दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच यह मैच शनिवार शाम को आखिरी मौके पर रद्द कर दिया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बिधाननगर पुलिस ने कहा था कि वे आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने में सक्षम नहीं होंगे।
एक ओर जहां विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा है कि बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के डर से मैच रद्द कर दिया गया, वहीं पुलिस ने जोर देकर कहा है कि मैच इसलिए रद्द किया गया, क्योंकि उन्हें ‘खुफिया जानकारी’ मिली थी कि आयोजन स्थल पर ‘हिंसा’ होगी। बिधाननगर पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार दोपहर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें विशेष जानकारी मिली है कि कुछ लोग आज भी स्टेडियम के बाहर परेशानी पैदा करने आएंगे।’ पुलिस ने एक कथित साजिश का ऑडियो भी जारी किया, जिसमें पुलिस की ‘ज्यादती’ के खिलाफ ‘हथियार उठाने’ के लिए कहा गया है।
लेकिन विरोध प्रदर्शनों को रोका नहीं जा सका। सॉल्ट लेक के युवा भारती क्रीड़ांगन के पास जमा हुए दोनों क्लबों के समर्थकों ने रविवार को एक स्वर में नारे लगाए, ‘बंगाल-घोटी एकटी स्वर, जस्टिस फॉर आरजी कार।’ इस दौरान उन्होंने अपनी सदियों पुरानी प्रतिद्वंद्विता को दरकिनार रखा। इस नारे का शिथिल अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है- ‘बंगाल’ (बंगाली हिंदू जो अब बांग्लादेश है, वहां से आए थे और जो ईस्ट बंगाल के पारंपरिक समर्थक हैं) और ‘घोटी’ (जिन्हें बंगाल का मूल निवासी माना जाता है और जो मोहन बागान का समर्थन करते हैं) अपनी मांग में एकजुट हैं और वे आरजी कार की घटना के लिए न्याय चाहते हैं।
खबरें आई थीं कि बिधाननगर में फुटबॉल स्टेडियम के पास पुलिस ने लाठीचार्ज किया और समर्थकों को हिरासत में लिया गया। लेकिन प्रदर्शनकारियों का जोश कम नहीं हुआ। न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए एक पोस्ट में नाटकीय दृश्य दिखाई दे रहे थे। इनमें ईस्ट बंगाल की जर्सी में एक व्यक्ति और मोहन बागान की जर्सी में एक व्यक्ति को एक पुलिस वाहन के अंदर हिरासत में लिया गया था। इस दौरान लोगों का हुजूम आरजी कार अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहा था।
रविवार को ऐसे कई दृश्य देखने को मिले, जो कई लोगों को अविश्वसनीय लगे। ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के प्रशंसक अक्सर आपस में भिड़ते रहे हैं। ये भारत के सबसे पुराने फुटबॉल क्लबों में से दो हैं, जिनके पास चमचमाती ट्रॉफियां हैं। दोनों क्लबों के बीच सदियों पुरानी प्रतिद्वंद्विता रही है और वे लगातार सामाजिक झगड़ों में उलझे रहते हैं। यही नहीं, साल 1980 में हुए एक स्टेडियम में हुए संघर्ष में 16 लोग मारे गए थे। लेकिन रविवार का दिन एकजुटता के नाम रहा।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि यह पहली बार था, जब ‘मोहन बागान और ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के 60,000 समर्थक एक साथ आए और #RGKarHospital के डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘#Kolkata में पहले कभी नहीं देखे गए दृश्य सामने आए हैं!’ न्यूज18 विरोध प्रदर्शनों के लिए जमा हुए लोगों की संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका।
घटनाओं के एक और नाटकीय मोड़ में, ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के समर्थकों के साथ मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब भी शामिल हो गया, जो कोलकाता का तीसरा बड़ा फुटबॉल क्लब है। बता दें कि दशकों तक खराब दौर से गुजरने के बाद मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब एक बार फिर से उभर रहा है।
समर्थकों ने एक स्वर में ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए। न्यूज18 बांग्ला के अनुसार, इन विरोध प्रदर्शनों के कारण कोलकाता शहर के चारों ओर एक प्रमुख सड़क बाईपास को कम से कम साढ़े तीन घंटे के लिए बंद कर दिया गया। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि मोहन बागान के कप्तान सुभाशीष बोस ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने एएनआई को बताया, ‘मैं खुद स्टेडियम के बाहर पहुंचा था और कई अन्य फुटबॉल प्रशंसक भी वहां पहुंच चुके थे… यह पहली बार था, जब ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के समर्थक एक साथ थे… अगर वहां पहुंची आधी पुलिस को भी मैच के लिए तैनात किया जाता तो मैच कराया जा सकता था…’
साल्ट लेक स्टेडियम के पास एक प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी को बताया, ‘हम (ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के समर्थक) आरजी कार की घटना के कारण एक साथ आए हैं। पुलिस ने कहा था कि वे सुरक्षा मुहैया कराने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए मैच रद्द कर दिया गया था… अब पुलिस बल कहां से आ गया?’
ईस्ट बंगाल की लाल और पीली जर्सी पहने एक व्यक्ति ने एएनआई को बताया, ‘यह मोहन बागान और ईस्ट बंगाल की लड़ाई नहीं है, यह पूरे भारत की लड़ाई है।’ वहीं एक अन्य व्यक्ति ने विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था की ओर इशारा किया और आश्चर्य जताया कि डर्बी का आयोजन क्यों नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा, ‘…इतना पुलिस बल कहां से आ गया? आपने कहा था कि कोई पुलिस बल नहीं था और आप (मैच के लिए) पुलिस सुरक्षा नहीं दे पाएंगे… पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया?…