Friday, November 22, 2024

बागपत: न्यायलय ने लाक्षागृह मान हिंदू पक्ष को 53 साल बाद दिया 100 बीघा जमीन का मालिकाना हक, मुस्लिम पक्ष का दावा हुआ ख़ारिज

- Advertisement -

बागपत में न्यायलय ने लाक्षागृह मान हिंदू पक्ष को 53 साल बाद दिया 100 बीघा जमीन का मालिकाना हक, मुस्लिम पक्ष का दावा हुआ ख़ारिज

बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत से एक बड़ी खबर माननीय न्यायलय ने मजार व लाक्षागृह विवाद में विवादित जमीन का मालिकाना हक़ लाक्षागृह मानते हुए हिंदुओं के पक्ष में सुनाया फैसला। इस फैसले में 100 बीघा जमीन और मजार पर हिंदू पक्ष को मालिकाना हक दिया गया। इस मामले में 10 से ज्यादा हिंदू पक्ष के गवाहों ने गवाही दी थी। माननीय न्यायाधीश शिवम द्विवेदी ने मुस्लिम पक्ष का वाद खारिज करते हुए यह आदेश दिया। बता दें कि पिछले 54 साल से हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के बीच मुकदमा चल रहा था, बागपत कोर्ट ने हिंदू पक्ष को लाक्षागृह केस में बड़ा फैसला दे दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा में लाक्षागृह पर चल रहे विवाद में बड़ा फैसला आया।

करीब 53 वर्षों के बाद आया माननीय न्यायलय का फैसला

करीब 53 वर्षों के बाद आया माननीय न्यायलय का फैसला। वर्ष 1970 से इस मामले की सुनवाई चल रही है। बागपत डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट में सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम की कोर्ट मंगलवार को इस लंबे समय से चल रहे मामले पर फैसले की उम्मीद की जा रही थी। इस फैसले पर हिंदू एवं मुस्लिम दोनों पक्षों की नजरें टिकी हुई थी। कोर्ट ने अब इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। लाक्षागृह टीले को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच पिछले 54 सालों से विवाद चल रहा था। बताया जाता है कि वर्ष 1970 में मेरठ के सरधना की कोर्ट में बरनावा निवासी मुकीम खान ने वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी की हैसियत से एक केस दायर कराया था।

यह अभी पढ़े जाने अंक ज्योतिष से आज का दिन

लाक्षागृह टीले व शेख बदरुद्दीन की मजार को लेकर कृष्णदत्त महाराज और मुकीम खान के बीच चल रहा था केस

लाक्षागृह गुरुकुल के संस्थापक ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज को प्रतिवादी बनाते हुए दावा किया था कि बरनावा स्थित लाक्षागृह टीले पर शेख बदरुद्दीन की मजार और एक बड़ा कब्रिस्तान मौजूद है। वक्फ बोर्ड का इस पर अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया गया कि कृष्णदत्त महाराज बाहर के रहने वाले हैं, जो कब्रिस्तान को खत्म करके यहां हिंदुओं का तीर्थ बनाना चाहते हैं। इसमें मुकीम खान और कृष्णदत्त महाराज फिलहाल दोनों ही लोगों का निधन हो चुका है। दोनों पक्ष से अन्य लोग ही वाद की पैरवी कर रहे हैं।

लाक्षागृह टीले की एएसआई की देखरेख में 1952 में शुरू हुई थी खुदाई

लाक्षागृह की वर्ष 1952 में एएसआई की देखरेख में खुदाई शुरू हुई थी। खुदाई में मिले अवशेष दुर्लभ श्रेणी के थे। खुदाई में 4500 वर्ष पुराने मिट्टी के बर्तन मिले थे। महाभारत काल को भी इसी काल का माना जाता है। लाक्षागृह टीला 30 एकड़ में फैला हुआ है। यह 100 फीट ऊंचा है। इस टीले के नीचे एक गुफा भी मौजूद है। वर्ष 2018 में एएसआई ने इस स्थान की बड़े स्तर पर खुदाई शुरू की थी। यहां मानव कंकाल और दूसरे इंसानी अवशेष मिले। यहां विशाल महल की दीवारें और बस्ती भी मिली हैं।

एएसआई को खुदाई में मिले थे महाभारत काल के साक्ष्य

मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां उनके बदरुद्दीन नामक संत की मजार थी। इसे बाद में हटा दिया गया। यहां उनका कब्रिस्तान है। इसी विवादित 108 बीघे जमीन पर पांडव कालीन एक सुरंग है। दावा किया जाता है कि इसी सुरंग के जरिए पांडव लाक्षागृह से बचकर भागे थे। इतिहासकारों का दावा है कि इस जगह पर जो अधिकतर खुदाई हुई है। उसमें को साक्ष्य मिले हैं। वे सभी हजारों साल पुराने हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि यहां पर मिले हुए ज्यादातर सबूत हिंदू सभ्यता के ज्यादा करीब है। मुस्लिम पक्ष के दावे पर हैरानी जताई जाती रही है। इसी जमीन पर गुरुकुल एवं कृष्णदत्त आश्रम चलाने वाले आचार्य का कहना हैं कि कब्र और मुस्लिम विचार तो भारत मे कुछ समय पहले आया, जबकि पहले हजारों सालों से ये जगह पांडवकालीन है।

महाभारत काल के समय का है निर्माण

महाभारत में लाक्षागृह की कहानी का वर्णन है। दावा किया जाता है कि दुर्योधन हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठना चाहता था। उसने पांडवों को जलाकर मारने के लिए योजना बनाई। दुर्योधन ने अपने मंत्री से एक लाक्षागृह बनवाया था। यह लाक्षागृह लाख, मोम, घी, तेल से मिलाकर बना था। वार्णावत में इसका निर्माण कराया था। बागपत का बरनावा वही जगह मानी जाती है। दुर्योधन के कुचक्र के बाद धृतराष्ट्र से पांडवों को लाक्षागृह में रुकने का आदेश दिलवाया गया था। पांडव जब वहां ठहरे तो आग लगा दी गई। हालांकि, पांडव बचकर निकल गए थे। दरअसल, माता कुंती को लाक्षागृह की सूचना महामंत्री विदुर ने दे दी थी।

- Advertisement -

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Market Updates
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
अन्य खबरे
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com