वाराणसी: समाजसेवी सौरभ मौर्य ने किया 203वाँ रक्तदान
कहते हैं इस कलयुग में सबसे बड़ा दान रक्तदान है, क्योंकि यही एक जरिया है जिससे आप सामने वाले का जीवन बचा सकते हैं और किसी व्यक्ति के जीवन को बचाना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता है, इसीलिए रक्तदान को महादान माना गया है।
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वाराणसी की धरती से संपूर्ण भारत में स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में सेवा दे रहे साधना फाउंडेशन के अध्यक्ष सौरभ मौर्य ने आज अपने जीवन का 203वाँ रक्तदान कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। सौरभ मौर्य द्वारा 153 बार प्लेटलेट का दान किया गया है और 50 बार व्होल ब्लड डोनेशन किया गया है जिससे सौरभ का दावा है की मात्र 34 वर्ष की आयु में स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में दो बार शतक बनाना विश्व रिकॉर्ड है। सौरभ मौर्य ने स्वैच्छिक रक्तदान क्षेत्र में संकल्प लिया है की संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय रक्त नीति का पालन करवा कर संपूर्ण भारत को रक्त के प्रतिस्थापन की व्यवस्था से मुक्त कर आम जन को आसानी से ब्लड मुहैया हो, इसके लिए वह लगातार प्रदेश की सरकार और केंद्र की सरकार से अपील भी कर रहे हैं। वायरस महामारी के दौरान भी सौरभ मौर्य ने 13 बार प्लेटलेट्स डोनेट किया। वो बताते हैं कि एक बार वो अपने दोस्त के परिचित को ब्लड डोनेट करने गए थे। इसी दौरान उन्हें एक थैलीसिमिया पेशेंट के पिता मिले। वह लोगों से अपने बेटे के लिए ब्लड की भीख मांग रहे थे। इसे देखकर सौरभ को बहुत दुख हुआ। सौरभ ने उनके लिए ब्लड का इंतजाम किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। उस लड़के की बाद में खून की कमी के चलते मौत हो गई। इसी के बाद सौरभ ने ब्लड डोनेट करने की ठानी और इसे लेकर काम करना शुरू किया। सौरभ ब्लड डोनेशन को लेकर कई जगह कैंप करते हैं और कई लोग उनके साथ जुड़े हुए हैं।