बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज अचानक राज भवन पहुंचने पर हर कोई यह जानना चाहता था कि आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन में माननीय राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर जी से मुलाकात क्यों की ?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब मुलाकात के बाद राजभवन से बहार निकलने लगे तो बिना मीडिया से बात किये ही चेहरे पर मुस्कान बिखेरते हुए निकल गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बीच हुई 40 मिनट की मुलाक़ात को लेकर सियासी गलियारे में अलग-अलग तरह की चर्चाएं होने लगी। इस मुलाकात को बिहार में एक बड़े सियासी बड़े उलटफेर से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि जानकारी के मुताबिक इस मुलाक़ात के दौरान नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बीच दोनों की यह वार्ता बिहार के विश्वविद्यालयों को लेकर थी।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के 5 विश्वविद्यालयो में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने पहुंचे थे। ये मुलाकात औपचारिक बताई जा रही थी जिसमे कई विश्वविद्यालयों में कुलपतियों व कुलसचिवों की नियुक्ति को लेकर मुलाकात की बात सामने आई है। हाल में शिक्षा विभाग में मंत्री के बदलाव से भी जोड़कर इसको देखा जा रहा है। हालांकि इन बातों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। नीतीश कुमार जब राज्यपाल से मिलने के बाद बाहर निकले तो उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। लेकिन, उनके चेहरे पर मुस्कान जरूर थी, जिसको लेकर कई कयास भी लगाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राज्यपाल से मुलाकात को लेकर जीतन राम मांझी के उस वक्तव्य से भी जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने बिहार में खेला होने की बात कही है। बिहार में तब और सरगर्मी तेज हो गई जब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट शेयर कर बिहार में खेला होने की बात कही थी। मांझी ने X पर लिखा, बंगला में कहते हैं, “खेला होबे”, मगही में कहतें हैं, “खेला होकतो” भोजपुरी में कहते हैं, “खेला होखी” बाकी तो आप खुद ही समझदार है, जीतन राम मांझी के इस पोस्ट के बाद बिहार में सियासी अटकलों का दौर भी शुरू हो गया। हालांकि, फिलहाल इस मुलाकात पर सियासी उलटफेर को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
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