Sunday, October 13, 2024

आर्मी रिटायर्ड नायब सुबेदार हुआ गिरफ्तार, जम्मू-कश्मीर से बनवा रहा था लोंगो के शस्त्र लाइसेंस

- Advertisement -
फोटो क्रेडिट pexels

आर्मी रिटायर्ड नायब सुबेदार हुआ गिरफ्तार, जम्मू-कश्मीर से बनवा रहा था लोंगो के शस्त्र लाइसेंस

आर्मी रिटायर्ड नायब सुबेदार हुआ गिरफ्तार, जम्मू-कश्मीर से बनवा रहा था लोंगो के शस्त्र लाइसेंस, अभियुक्‍त आर्मी में नायब सुबेदार के पद हिमाचल प्रदेश में तैनात था, उसी दौरान उसके कश्‍मीर में कुछ लोगों से कनेक्‍शन बन गए। सेना से रिटायर होने के बाद नया धंधा शुरू किया। अपना जाल गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ और बुलंदशहर में फैला लिया। गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने रिटायर सुबेदार के गिरोह का भंडाफोड़ कर गिरफ्तार कर लिया है।

यह भी पढ़ें आज का राशिफल

गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के अनुसार अभियुक्त प्रमेन्द्र आर्मी में नायब सूबेदार पद से रिटायर है, नौकरी के दौरान आर्मी वालों का शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए जम्मू-कश्मीर से 3-4 एजेन्ट के संपर्क में आया। प्रमेन्द्र को भी शस्त्र लाइसेन्स बनवाना था। एजेंट अमित मुतरेजा उर्फ अनिकेत अवस्थी उर्फ अनिरूद्ध शास्त्री निवासी जयपुर राजस्थान व कृष्ण कुमार सोनी नामक थे। अमित मुतरेजा ने 15 हजार में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ प्रमेन्द्र का शस्त्र लाइसेंस बनवा दिया था। उन्‍होंने कहा तुम्हारा कोई भी जानकार हो जो आर्मी की नौकरी न करता हो तो भी मैं उसका शस्त्र लाइसेंस बनवा दूंगा, लेकिन उसमें खर्चा ज्यादा आयेगा और उसमे प्रमेन्द्र को कमीशन भी मिलेगा।

प्रमेन्द्र ने गाजियाबाद व नोएडा के अपने जानने वाले कुछ लोगों से सम्पर्क करके अमित मुतरेजा के साथ मिलकर शस्त्र का फर्जी लाइसेन्स बनवा दिये थे तथा कुछ लोगों के कागजों की छायाप्रति प्रमेन्द्र ने अपने पास रखी थी। पिस्टल का लाइसेंस बनवाने के लिए 80 हजार व रायफल के लाइसेंस के 90 हजार लेते थे। इसके बाद वहां के शस्त्र कार्यालय मे सेटिंग से कुछ सादी शस्त्र लाईसेन्स की किताबें निकलवा ली थीं और उन किताबों को अपने शस्त्र लाइसेंस के जैसा तैयार कर उनमें अपने लाईसेन्स के यूनीक नम्बर में हेरा फेरी करके फर्जी बनवायी गयी स्टॉम्प लगाकर फर्जी शस्त्र लाईसेन्स बना दिये।

शस्त्र दिलवाने के लिए प्रमेन्द्र स्‍वयं आर्मी की वर्दी पहनकर लाईसेन्स लेकर गन हाऊस पर जाकर शस्त्र दिलवाता था। प्रमेन्द्र के वर्दी में होने के कारण गन हाउस वालों को भी प्रमेन्द्र के ऊपर शक नही होता था। शस्त्र लाईसेन्स का रिन्यूवल करवाने के लिए प्रमेन्द्र शस्त्र लाईसेन्स धारकों से 5-5 हजार रुपये लेकर फर्जी तरीके से स्वयं ही मोहर लगाकर वापस दे देता था। इसी दौरान प्रमेन्द्र व अमित मुतरेजा पैसों के लेन देन को लेकर झगड़ा होने पर आपस में मुकदमे बाजी हो गयी। जिसमें पुलिस प्रमेन्द्र के घर उसे पकडने के लिये जाती थी इसीलिए उसने डर के मारे सारे शस्त्र लाइसेन्स नष्ट कर दिये थे और असलहे छिपा दिये थे। उसके बाद प्रमेन्द्र जेल चला गया। बाहर निकलने के बाद प्रमेन्द्र को डर था कि कहीं पुलिस को यह सब पता न चल जाये और उसके घर छापा न मार दे, इसलिये वह लाइसेंस जल्दी बनाकर वापस देने के प्रयास में था। अभियुक्त से कई अन्य महत्‍वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं।

- Advertisement -

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Market Updates
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
अन्य खबरे
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com