Saturday, July 27, 2024

Meerut: कोर्ट के आदेश से उड़ी मेरठ पुलिस की नींद, क्या आरोपियों मौ0 आहिल व सुहैल को फर्जी केस में फसाया गया, जाने पूरी खबर

- Advertisement -
meerut police

मेरठ पुलिस ने जब NDPS ACT के तहत किया मौ0 आहिल व सुहैल को गिरफ्तार

मेरठ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार मेरठ पुलिस उप निरीक्षक मनोहर लाल मय हमराही हेड कांस्टेबल अंकित कुमार, हेड कांस्टेबल अनुज कुमार व हेड कांस्टेबल चंद्रवीर के साथ 3 फरवरी 2024 को संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ले रहे थे। गश्त के दौरान अचरोदा फ्लाईओवर के नीचे पहुंचने पर दो व्यक्ति अपने हाथ में थैला लिए खड़े दिखाई दिए जो पुलिस वालों को देखकर सकपका गए।

बार-बार हम पुलिस वालों को देखने लगे हम पुलिस वालों ने शक होने पर उन व्यक्तियों का आवाज देकर रोकने का इशारा किया लेकिन दोनों व्यक्ति तेज कदमों से गांव बहादुरपुर के रास्ते की ओर चलने लगे। हम पुलिस वालों को शक हुआ तो हम पुलिस वालों ने एक बार की दबिश देकर घर घट कर आवश्यक बल प्रयोग कर दोनों व्यक्तियों को अचरौटा पुल के करीब 30 मीटर दूरी पर बहादुरपुर गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर पकड़ लिया। पकड़े जाने पर भगाने का कारण पूछते हुए नाम पता पूछा तो पहले व्यक्ति ने अपना नाम मोहम्मद आहिल पुत्र मोहम्मद सुलेमान निवासी गुर्जर चौक गांव लिसाड़ी थाना लिसाड़ी गेट जनपद मेरठ उम्र करीब 20 वर्ष तथा दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम सुहेल पुत्र पप्पू निवासी हाजी शाहिद के स्कूल के पीछे लिसाड़ी गेट थाना साड़ी गेट जनपद मेरठ उम्र करीब 21 वर्ष बताया और पकाते हुए बताया कि सब हमारे थैली में पानी में गांजा है इसे बेचकर हम लोग पैसा कमाते हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।

मेरठ पुलिस ने बिना राजप्रत्रित अधिकारी के ली जामा तलाशी

मेरठ पुलिस ने बिना राजप्रत्रित अधिकारी के जामा तलाशी ली जिसका कारण FIR में लिखा की जब अभियुक्त गणों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 के अंतर्गत उनके अधिकारों की जानकारी देते हुए मेरठ पुलिस द्वारा पूछा गया कि क्या आपको अपनी जामा तलाशी किसी राजप्रत्रित अधिकारी के समक्ष देनी है, तो किसी राजप्रत्रित अधिकारी को मौके पर बुलाया जाए। जिस पर अभियुक्तगणों ने कहा कि जब आप ने हमें पकड़ ही लिया है तो आप ही हमारी जामा तलाशी ले लीजिए। हमें आप पर पूरा भरोसा है। इसके बाद धारा 50 एनडीपीएस एक्ट की नोटिस पर दोनों ने हस्ताक्षर कर दिए।

यह भी पढ़े बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) 

मेरठ पुलिस ने बताया अभियुक्तों को राजप्रत्रित अधिकारी पास ना ले काने का काऱण

मेरठ पुलिस के अनुसार अभियुक्त गणों को गिरफ्तार करने के समय जब इसकी जानकारी क्षेत्राधिकार ब्रह्मपुरी मेरठ के सीयूजी नंबर पर देने हेतु संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो पाया वह यदि अभियुक्त गुना को नजदीकी मजिस्ट्रेट या राजप्रत्रित अधिकारी के पास ले जाया जाता तो इस बात की प्रबल संभावना थी कि वह अपने पास रखे अवैध गांजे को रास्ते में कहीं गिरा देते। इसलिए मजबूरी में अभियुक्त गण की सहमती लेते हुए पुलिस वालों द्वारा मौके पर ही अभियुक्त गणों की जामा तलाशी ली गई वह अभियुक्तगण आहिल व सुहल के दाएं हाथ में पड़े थैली के अंदर रखी पन्नी को अलग-अलग खोलकर चेक करने पर उसके अंदर से गांजे की गंध आ रही थी व मौके पर हमराहियान को माल को खोलकर देखकर सुनकर व सूंघाकर चेक किया गया कि यह अवैध गांजा है।

मेरठ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत किया केस दर्ज

मेरठ पुलिस की फिर के अनुसार अभियुक्तगण से गंजा रखने व बेचने का लाइसेंस मांगने पर अभियुक्तगण गांजा बेचने व रखने का लाइसेंस नहीं दिखा पाए इसके बाद पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट अंतर्गत धारा 8 / 20 के तहत केस दर्ज कर पुलिस की गाड़ी में रखे इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर अभियुक्त आहिल से बरामद गांजे का वजन किया गया तो उसका वजन 1100 ग्राम वी सुहेल से बरामद गांजे का वजन किया गया तो उसका भी वजन 1100 ग्राम पाया गया इसके बाद पुलिस ने मौके पर ही मेमो तैयार कर अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी दिखाते हुए उन्हें माननीय न्यायालय भेज दिया।

कोर्ट ने मेरठ पुलिस को दी अभियुक्तगणों की रिमांड

माननीय न्यायालय द्वारा फिर का अवलोकन करने व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद अभियुक्त गणों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया, न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 3 फरवरी 2024 से 5 फरवरी 2024 तक अभियुक्त आहिल व सोहेल की रिमांड पुलिस को सौंप दी गई।

जब कोर्ट में खुली मेरठ पुलिस की पोल

माननीय न्यायालय के समक्ष अभियुक्तगणों मौ0 आहिल व सुहैल के वकील ने बहस करते हुए आहिल व सुहेल को निर्दोष बताया, अभियुक्तगणों के वकील ने बताया कि मेरठ पुलिस ने 3 फरवरी को सुहैल और मोहम्मद आहिल की गिरफ्तारी दिखाई है व दोनों के पास से 1100–1100 ग्राम गाँजा की बरामदगी दिखाई है । लेकिन वकील ने कोर्ट को बताया कि आहिल व सुहेल को पुलिस ने 3 नहीं बल्कि 2 फरवरी 7 बजे पैठ बाजार से अनार के ठेले से उठाया था। पुलिस ने फ़र्ज़ी केस में फँसाया है।

कोर्ट के आदेश से उड़ी मेरठ पुलिस की नींद

माननीय न्यायालय ने बचाव पक्ष के वकील की दलील को सुनने के बाद सच का पता लगाने के लिए गिरफ़्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों की 2–3 फरवरी की मोबाइल लोकेशन और थाने की CCTV फुटेज माँगी है। इसके साथ ही पुलिस द्वारा यह बताया गया था कि क्षेत्राधिकार ब्रह्मपुरी के शिवजी नंबर पर संपर्क किया गया था लेकिन संपर्क नहीं हो सका तो क्षेत्र अधिकारी ब्रह्मपुरी के सीयूजी नंबर पर कॉल करने की मोबाइल स्क्रीनशॉट भी प्रस्तुत करने का माननीय न्यायालय ने आदेश दिया है आगे कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि थानेदार ये न कहें कि CCTV खराब हैं या फुटेज नहीं है। अगर थानेदार ने ऐसा कहा तो उन्हीं के खिलाफ एक्शन होगा।

- Advertisement -

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Market Updates
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
अन्य खबरे
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com