Saturday, July 27, 2024

उत्तराखंड विधानसभा में ‘समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code, UCC)’ हुआ पेश, सदन में लगे जय श्री राम के नारे,आप भी दे सकते हैं अपनी राय

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उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता  (Uttarakhand UCC) विधेयक पेश कर दिया गया। यूसीसी विधेयक के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विधेयक पेश किया।

मुख्यमंत्री द्वारा समान नागरिक संहिता  विधेयक पेश किये जाने के इस दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने ‘‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम’’ के नारे भी लगाये। प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी।

समान नागरिक संहिता पर आप भी दे सकते हैं अपनी राय

उत्तराखंड सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता बल सदन में पेश किया गया है जिसमें जनता अपनी राय दे सकती है इसके लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाकर आप व्यक्तिगत रूप से या कोई संस्था भी अपनी राय दे सकती है।

समान नागरिक संहिता पर आप इस लिंक पर जाकरअपनी राय दे सकते हैं समान नागरिक संहिता लिंक

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चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था।

समान नागरिक संहिता पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था।

वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी।

UCC समान नागरिक संहिता कानून लागु होने के बाद क्या होगा बदलाव ?

कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। इसमें स्प्ष्ट बताया है कि किसी भी धर्म, मजहब, पंत, संप्रदाय, मत के रीति-रिवाजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। निकाह, अग्नि फेरे, आनंद कारज, होली मैट्रीमोनी अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ही होंगे। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एकसमान विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।

(goyalexpress ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर का कुछ हिस्सा एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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